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वित्त प्रभाग की भूमिका एवं कार्य

वित्त प्रभाग की भूमिका एवं कार्य

रक्षा मंत्रालय के वित्तीय मामलों के निपटान के लिए रक्षा मंत्रालय का एक पृथक वित्त प्रभाग है। वित्तीय सलाहकार(रक्षा सेवाएं) इस प्रभाग के प्रमुख हैं।

रक्षा मंत्रालय ने प्रशासन में अधिकतम कार्यकुशलता एवं मामलों के त्वरित निपटान सुनिश्चित करने हेतु रक्षा सेवा आंकलन से प्राप्त व्यय के विषय में वित्तीय शक्तियों का प्रत्यायोजन किया है। रक्षा मंत्रालय प्रत्यायोजित शक्तियों के तहत वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) या वित्त प्रभाग के प्राधिकृत प्रतिनिधि वित्तीय शक्तियों के प्रयोग से पूर्व सलाह प्राप्त करता है। सभी मामले जो मंत्रालय को प्रत्यायोजित शक्तियों से परे हैं, वित्त प्रभाग सहायक वित्त के रुप में कार्य करता है एवं इसके लिए उत्तरदायी है तथा सचिव(व्यय) के माध्यम से वित्त मंत्रालय एवं वित्त मंत्री के पास पहुँचाने में सक्षम होता है। यदि वित्त प्रभाग अथवा रक्षा लेखा विभाग के डयूटी एवं कार्य में किसी विशेष बदलाव पर विचार-विमर्श करना हो तो वित्त मंत्रालय का अनुमोदन आवश्यक है।

वित्तीय नियंत्रण संबंधी सभी प्रस्तावों जिसमें लोक वित्त के औचित्य, अर्थव्यवस्था की सुरक्षा का उद्देश्य, शामिल है, का वित्त प्रभाग द्वारा संचालन वास्तव में एक सतर्क एवं बुद्धिमत्ता पूर्ण संवीक्षा है। किसी नए व्यय से संबंधित प्रस्तावों के वित्तीय सहमति से पूर्व वित्त प्रभाग का यह कर्तव्य है कि प्रस्तावों के साथ पूर्ण एवं बृहत रुप से न्याय करें। प्रभाग यहां तक कि दिए गए वस्तु के सुरक्षा के लिए अधिक रुपए खर्च करने एवं इसकी मात्रा की आवश्यकता पर आपत्ति उठा सकता है। वस्तुतः प्रभाग रुपए की अधिकतम कीमत प्राप्त करने हेतु एक बुद्धिमान करदाता से अपेक्षित सभी प्रश्न पूछ सकता है।

नियमों में प्रावधान है कि यदि व्यय का चाहे बजट में प्रावधान हो या चाहे न हो, को वित्त प्रभाग की सहमति के बिना प्राधिकृत किया गया तो इसे स्वीकृत न किया जाए। इस नियम का सख्ती से अनुपालन रक्षा लेखा नियंत्रकों द्वारा स्वतः ही किया जाना चाहिए तथा ऐसे प्रभार जो विनियमों एवं सरकारी आदेशों के अधीन नहीं है, का संवितरण न करें।

रक्षा मंत्रालय के वित्त प्रभाग द्वारा वित्तीय सहमति के अनुसार सामान्यतः तीन, अधिक या कम पूर्ण परिभाषित स्थितियां हैं -

  1. उसके योग्यतानुसार प्रस्तावों का परीक्षण
  2. वित्तीय प्रभावों का मूल्यांकन
  3. यदि प्रस्ताव स्वीकार हो जाता है तो जारी करने से पूर्व अंतिम आदेश का सावधानीपूर्वक परीक्षण एवं पुनरीक्षण करना

कभी-कभी इनमें से दो या अधिक स्थितियां मिल जाती है लेकिन वित्तीय मामलों से संबंधित सभी प्रस्ताव अपरिहार्य रुप से इस प्रक्रिया का अनुसरण करती हैं। यह प्रक्रिया वित्त द्वारा न केवल निकट एवं पर्याप्त नियंत्रण सुनिश्चित करता है बल्कि प्रस्ताव के विचार विमर्श के न्यायायिक प्राथमिक स्तर पर वित्तीय दृष्टि से रचनात्मक सुझाव एवं सलाह देता है।

वित्तीय प्रभाग रक्षा मंत्रालय की सिविल स्थापना हेतु रक्षा बजट एवं सिविल आंकलन तैयार करता है। वह सैन्यबल मुख्यालय के शाखाध्यक्ष एवं सिविल विभागों/संगठनों को आवश्यक अनुदान से संबंधित अपने वित्तीय उत्तरदायित्वों को सुचारु रुप से करने हेतु सभी सूचनाएं उपलब्ध कराता है एवं उन्हें साधारणतया प्रस्तावों को तैयार करने एवं वित्तीय व्यापार के निपटान में सुझाव देता है। वित्त प्रभाग रक्षा योजनाओं के प्रतिपादन एवं कार्यान्वयन के साथ पूर्णतया जुड़ा हुआ है ।

वित्तीय सलाहकार(अर्जन) एवं 03 वित्त प्रबंधकों एवं तदनुरुप स्टाफ सह 03 निदेशकों द्वारा वित्तीय सलाहकार(रक्षा सेवाएं) को संघ के सैन्य बलों के पूँजी अर्जन (Capital Acquisition) पर कार्यवाही हेतु सहायता प्रदान करता है। राजस्व व्यय के पक्ष में, 05 अपर वित्तीय सलाहकारों एवं तदनुरुप पूरक सहायक वित्तीय सलाहकारों एवं अनुभागों सहित 22 निदेशकों/उप वित्तीय सलाहकारों द्वारा वित्तीय सलाहकार(रक्षा सेवाएं) को रक्षा सेवा आंकलनों के सभी प्रस्तावों का परीक्षण, संवीक्षा, पुनरीक्षण करना एवं रक्षा मंत्रालय का वित्तीय विवक्षा से संबंधित सिविल आंकलन तैयार करने हेतु सहायता प्रदान की जाती है।

इन कार्यों के अतिरिक्त, वित्तीय सलाहकार(रक्षा सेवाएं) रक्षा सेवाओं का मुख्य लेखाकरण अधिकारी भी है। यह उनकी क्षमता के अंतर्गत आता है कि रक्षा सेवा व्यय हेतु विनियोजन लेखा तैयार किया जाए एवं इस उत्तरदायित्व का निर्वाहन रक्षा लेखा महानियंत्रक के माध्यम से किया जाए।

डिज़ाइन, विकास और अनुरक्षण : रक्षा लेखा महानियंत्रक, उलन बटार रोड, पालम, दिल्ली छावनी-110010
उत्तम दृश्य : पिक्सल 1024*768